न्यूजमध्य प्रदेश

जल गंगा सर्वधन अभियान के सफलता की कहानी जल दूत श्वेता की जुबानी।

सिंगरौली। जल गंगा संवर्धन अभियान प्रदेश में एक व्यापक जन-आंदोलन बन चुका है। राज्य सरकार “खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में’’ के सिद्धांत पर जल संरक्षण की दिशा में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ चला रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आहवान पर जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए वर्षा जल संचयन के साथ नदियों एवं पारम्परिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

जिले में भी जल गंगा संवर्धन अभियान का सार्थक प्रभाव अब जमीन पर दिखने लगा है। जलदूत श्वेता गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत कराये जा रहे खेत तालाब, डगबेल निर्माण सहित बोरी बंधन के माध्यम से पानी को रोकने के जो प्रयास जन सहयोग के माध्यम से किया जा रहा है। अब उसका सार्थक परिणाम हम सबके सामने दिखने लगा है। जल दूत श्वेता ने बताया कि जिन जगहो पर खेत तालाब का निर्माण किया गया है। वहा पर वाटर लेबल में बढोत्तरी दिखने लगी है। डग बेल के निर्माण के भी फायदे अब धरातल में दिखने लगे है एंव जिन किसानो की खेती मानसून की वर्षा पर निर्भर थी उनको फसलो की सिचाई भी अब बिना व्यवधान के पूरी हो सकेगी साथ ही पानी की कमी से उनके फसलो का होने वाला नुकसान भी अब नही है। श्वेता ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि मुख्यमंत्री जी का यह अभिनव अभियान निश्चित ही अपनी सार्थक सिद्ध करेगा।

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